हमारे आंत का स्वस्थ होना कितना जरूरी है।

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क्या आप जानते हैं हमारे शरीर में लगभग 70 से 80 परसेंट बीमारियों की जड़ आंत होती है। क्योंकि बहुत से विज्ञानियों  बताया कि सिर से लेकर पांव तक केवल यह हाथ है जिसकी वजह से कम से कम 70 से अच्छी परसेंट तक की बीमारियां जन्म लेती हैं।

आइए जानते हैं पाचन का स्वास्थ्य किस पर निर्भर रहता 

ज्यादातर देखा जाए तो अपने लाइफस्टाइल पर निर्भर रहता है और उसके साथ ही हमारे आंत में जो बैक्टीरिया होते हैं जो जीवाणु होते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदाई होते हैं इसे हम Gut Flora कहते हैं हम क्या खाते हैं कितना खाते हैं कैसे खाते हैं कब खाते हैं इनमें थोड़ी सी भी गड़बड़ हो गई तो जो हमारे लाभदाई बैक्टीरिया होते हैं जो बीमारी की रोकथाम करते हैं वह कम होते हैं और जीवाणु वर्धक बैक्टीरिया जो हमारे लिए खतरनाक बैक्टीरिया हैं जो बीमारियां पैदा करते हैं वह बढ़ जाते हैं यानी कि जो हमारे लिए लाभदायक बैक्टीरिया होते हैं वह कम होने लगते हैं और जीवाणु वर्धक बैक्टीरिया की संख्या बढ़ जाती है जीवाणु वर्धक बैक्टीरिया को बढ़ने से हमारे शरीर में बहुत सारी प्रॉब्लम होने लगती हैं


आंत स्वास्थ्य खराब होने के क्या लक्षण है?

जब हमारे आंत का स्वास्थ्य बिगड़ जाता है तो हमें गैस सा महसूस होने लगता है पेट फूलने लगता है सीने में जलन होने लगती है जी मचलना शुरू हो जाता है थकान सी हो जाती है उसके साथ ही हमारी नींद कम हो जाती है हमारे मूड में चेंज एस आना शुरू हो जाते हैं हमें फूड एलर्जी होना शुरू हो जाती है हमें स्क्रीन पर कुछ एलर्जी दिखाई देना शुरू हो जाते हैं कभी हमें  कब्ज होता हाय कभी हमें डायरिया होता है कभी हमारा वजन अचानक से बढ़ जाता है कभी हमारा वजन अचानक से कम होने लगता है

जब हमारे आंत का स्वास्थ्य अच्छा नहीं होता है तो Serotonin chemical  का उत्पादन कम हो जाता है जिससे मूड स्विंग और नींद की कमी हो जाती है  इसीलिए हमें मूड स्विंग्स होते हैं और हमारी नींद कम हो जाती 

अपने आंत को स्वस्थ कैसे रखें?

जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया वह अपने लाइफस्टाइल पर भी निर्भर होता है इसीलिए इसीलिए लाइफस्टाइल को सही करने के लिए हमें अच्छी 7 या 8 घंटे की गहरी नींद चाहिए हमें एक्सरसाइज करने हैं उसके साथ हमें बहुत ही अच्छी मात्रा में तरल पदार्थ का सेवन करना है हमें हाइड्रेटेड रहना है उसके साथ हमारे आहार में बहुत अच्छी मात्रा में फाइबर फूड होने चाहिए यानी कि रेसेदार अन्न होने चाहिए लीन प्रोटीन होनी चाहिए और हमें और हमें ज्यादातर सब्जियों का सेवन करना चाहिए इसके साथ ही हमें प्रोबायोटिक्स यानी कि लाभदाई जीवाणु जो हमारे पाचन तंत्र के लिए अच्छे होते हैं जो हमें बीमारियों से दूर रखते हैं जो प्रकृति से मिलने वाली चीजें होती हैं जैसे दही ले सकते हैं मट्ठा  ले सकते है।


हमें अपने स्वास्थ्य पर ध्यान रखना है क्योंकि स्वास्थ्य ही धन है स्वास्थ्य ही जीवन है स्वास्थ्य हमारा सब कुछ है।

धन्यवाद!


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